बैठ बात करां

अेक-दूजै रौ

पसीनौ पूंछ

ठंडै बायरियै रौ

परस भोगां

नेतरै रौ

अेक सिरौ

पकड़ बावळी..!

समंदर बिलोवां

पैलां जै’र

पछै इमरत

पीयां

किणी शिवजी रा

पग क्यूं पकड़ां

जीयां तो

खुद रै बूतै

जीयां

फूल तोड़ां

अर कांटां सूं डरां?

बैठ

बात करां।

स्रोत
  • पोथी : आ बैठ बात करां ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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