अेक बगेची में अेक भंगेड़ी बांमण रैवतौ हौ। वौ घणौ ई खपियौ तौ ई आपरी संगत नीं बधा सक्यौ। भांग रा नसा में कळाप घणा। घोटतां-घोटतां हथाळियां में छाला पड़ जावै। दो-च्यार बेलियां बिना आंणंद ई नीं आवै।
बांमण रौ नांव जीयौ हौ। वौ केई दिनां अेकलौ ई कळाप करतौ रह्यौ। हाथां ईं घोटतौ, हाथां ईं छांणतौ अर हाथां ईं पीवतौ। नसौ तौ संगत मांगै। झांझरकै दोय घड़ी रात थकां ऊठतौ नै भांग सूं माथा-फोड़ी करतौ। नसा रौ सैंग मठ मार्यौ जावतौ।
सेवट खपतां-खपतां ठंडाई रा नांव सूं वौ हळकी-सी भांग रै साथै केसर, बिदांम, पिस्ता अर दूध घोट-घोटनै लोगां नै पावणा चालू करिया। हाथां घोट-घोटनै वांनै पावतौ। हौळै-हौळै दो-तीन जणां नै नसौ झरण लागौ। वगत होवतौ अर वांरी नाड़ियां तूटण लागती। उबासियां आवण लागती। जीयौ बांमण थोड़ा दिन फेर करड़ौ रह्यौ। नवा मूंडियोड़ा दो-तीन चेला-चांटियां नै कीं तकलीफ नीं करण देवतौ। खुद वारै वास्तै थुड़तौ। हौळै-हौळै वौ भांग रौ पुट वत्तौ अर केसर-बिदांमां रौ मसालौ कम करतौ गियौ अर वांनै ठंडाई पावतौ रह्यौ। जद जीयौ आ बात जांणली के तीनूं चेला भांग रा पूरा बंधाणी व्हैगा तौ वौ थोड़ौ-घणौ हाथ खांचणौ चालू कर दियौ।
हमेसां वै भांग रै बस में व्हियोड़ा अंधारै-अंधारै ई बगेची में आय धमकता। जीयौ सगळी त्यारियां करनै उडीकतौ लाधतौ। तद उणनै सोळै आंना विसवास व्हैगौ के अबै औ चेला सोटां सूं कूट्योड़ा ई नीं जावै तौ वौ आरांम सूं सूतौ ई रह्यौ। चेला बगेची में कीं त्यारी नीं देखी तौ वै उणनै हेलौ मारण लागा— जीयौ, ओ जीयौ।
जीयौ बांमण वांनै समझावतां जबाब दियौ—
जीवौ बेटां जीवौ,
अबै घोटौ अर पीवौ।