आदिवासी लेखन
जळ, जंगळ अर जमीन सारु जिका जीवै-मरै, वां आदिवासियां नै लेय'र रचियोड़ो टाळवो साहित्य इण खंड में सामिल है।
जळ, जंगळ अर जमीन सारु जिका जीवै-मरै, वां आदिवासियां नै लेय'र रचियोड़ो टाळवो साहित्य इण खंड में सामिल है।
नूवी पीढ़ी रा कवि-लेखक। हिंदी में ई लगोलग सिरजण।
सुपरिचित कवि-लेखक।
वागड़ी रा सिरैनांव कवि-गद्यकार। केन्द्रीय साहित्य अकादमी सूं सम्मानित।
चावा कवि-गद्यकार। माड़-जगरौटी मांय लेखन में सक्रिय। पूर्वी राजस्थान रै लोक रो विशेष अध्ययन।
सुपरिचित कवि-लेखक।
वागड़ी रा चावा कवि-गीतकार-अनुवादक।
इण सदी रा कवि-लेखक। हिंदी में ई सक्रिय।
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