
गीतकार
राजस्थानी गीतां री पंरपरा मेघराज मुकुल सूं लेय'र दुर्गादानदान सिंह गौड़ तांई रै सफर में बंटियोड़ी है, उणी परंपरा रो चयनित साहित्य-संग्रै इण खंड में सामिल है।
राजस्थानी गीतां री पंरपरा मेघराज मुकुल सूं लेय'र दुर्गादानदान सिंह गौड़ तांई रै सफर में बंटियोड़ी है, उणी परंपरा रो चयनित साहित्य-संग्रै इण खंड में सामिल है।
इण सदी रा रचनाकार।
ठावा कवि-गद्यकार। 'नुगरे रा पद' संग्रै सारु खास पिछाण। केंद्रीय साहित्य अकादमी रो सिरै पुरस्कार।
चावा कवि-गीतकार। कविता मांय हास्य पुट सारु निरवाळी पिछाण।
ढूंढाड़ी रा लूंठा गीतकार। गीतां में सिणगार रस सारु खास पिछाण।
ढूंढाड़ी रा ख्यातनांव हास्य-कवि।
चावा कवि-गीतकार।
नूंवी पीढ़ी रा कवि।
‘गांव, गळी, चोबारा छूट्या अेक पेट कै कारणै’ गीत सूं चरचा में। गीतां में गांव-गुवाड़ अर जीयाजूण रा सांवठा चितराम। सिनेमा सूं जुड़ाव। ‘भरत व्यास सम्मान’ सूं आदरीज्योड़ा।
ठावा गीतकार। 'हाड़ौती' अचंळ' सूं संबध।
राजस्थानी गीत-काव्य परम्परा मांय बड़ रूंख सरीखी छवि।
हाड़ौती रा ख्यात गीतकार।
सिरैनांव कवि-गीतकार।
सही मायनै में जनकवि रै रूप में पिछाण। राजस्थानी-हिंदी रा चावा-ठावा कवि-गीतकार। रेत रै कण-कण रा पारखी। जनवादी लेखक संघठन सूं जुड़ाव।
हाड़ौती अंचल रा चावा लिखारा। राजस्थानी गीत अर दोहां में लगोलग काम। अनुवाद में ई सांवठी भागीदारी ।
हाड़ौती रा हरावळ रचनाकार। गजल कोरणी रा कारीगर। मीठै कंठां रा धणी। राजस्थान साहित्य अकादमी सूं पुरस्कृत। कोटा विश्वविद्यालय में साहित्य माथै शोध।
शेखावाटी खेतर रा मीठा गीतकार। मंचा माथै न्यारै-निरवाळै अंदाज सूं खास पिछाण।
सिरैनांव गीतकार। गीतां में सिणगार रस री जाजी सौरम।
ख्यात कवि-गीतकार। गीतां में जन री ठावी छवियां।
इण सदी रा चावा कवि-लेखक।
लूंठा कवि-गीतकार। ‘कूख पड़यै री पीड़’ कविता संग्रै सारु साहित्य अकादेमी पुरस्कार ।
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