जयपुर संभाग रा कवि

जयपुर संभाग (जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर, झुंझुनू)रै साहित्यकारां रो टाळवो साहित्य-संग्रै।)

भागीरथसिंह भाग्य

चावा कवि-गीतकार। कविता मांय हास्य पुट सारु निरवाळी पिछाण।

भंवर जी 'भंवर'

ढूंढाड़ी रा लूंठा गीतकार। गीतां में सिणगार रस सारु खास पिछाण।

बुद्धिप्रकाश पारीक

ढूंढाड़ी रा ख्यातनांव हास्य-कवि।

गोरधन सिंह शेखावत

सिरैनांव कवि। तेजसिंह जोधा सम्पादित 'राजस्थानी-१ में सामिल कवि।

हरदान हर्ष

चावा कवि-गद्यकार।

कैलाशदान कविया

शेखावाटी खेतर रा मीठा गीतकार। मंचा माथै न्यारै-निरवाळै अंदाज सूं खास पिछाण।

कल्याणसिंह राजावत

सिरैनांव गीतकार। गीतां में सिणगार रस री जाजी सौरम।

कृष्ण कल्पित

सिरैनांव कवि-गद्यकार। राजस्थानी में अेक समै तांई लगोलग लेखन।

कुंदन सिंह 'सजल'

इण सदी रा कवि-लेखक।

महेन्द्र मील

चावा लेखक-संपादक।

शारदा कृष्ण

सिरैनांव कवयित्री-संपादक।

सुमेरसिंह शेखावत

चावा साहित्यकार। ‘मरू-मंगळ’ माथे केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार।

सुरेश कुमार

राजस्थानी गज़ल अर सोरठां पर खास पकड़। आसै-पासै री विडरूपतावां पर लेखन रै मारफत चोट मारता निगै आवै।

विजयसिंह नाहटा

नानूराम संस्कर्ता री साहित्य परम्परा नै आगै बधावता लगोलग लेखन में लाग्योड़ा है। राजस्थानी कविता संग्रह 'खोयोड़ै समदर रा सुपना' नै लेय'र चरचावां में।

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