
जनकवि
आधुनिक राजस्थानी साहित्य रा वै कवि जिका आमजन री पीड़ नै उकेरे अर ज्यांरी रचनावां कलम सूं उतरतां ई जनकंठा में समाय जावै, वां जनकवियां रो टाळवो साहित्य-संग्रै इण खंड में सामिल है।
आधुनिक राजस्थानी साहित्य रा वै कवि जिका आमजन री पीड़ नै उकेरे अर ज्यांरी रचनावां कलम सूं उतरतां ई जनकंठा में समाय जावै, वां जनकवियां रो टाळवो साहित्य-संग्रै इण खंड में सामिल है।
जनकवि री छवि। सुतंतरता पछै रै मो'भंग रा आगीवाण कवि।
कवि-लेखक। राजस्थान रा पैला मुख्यमंत्री रै रूप में ख्यात।
ख्यात जननेता। प्रजामंडल दौर रा आगीवाण। राजस्थान रा पैलड़ा मुख्यमंत्री।
प्रगतिसील धारा रा सिरैनांव कवि। 'धोरा वाळा देस जाग रे' कविता सूं जनता रै हियै मांय आपरी जिग्यां बणावणिया।
सिरै कवि-गीतकार। 'ताम झाम सा' अर 'बाबा थारी बकरियां बिदाम खावै रै' जेड़ा गीतां सूं ख्याति।
ख्यात कवि अर समाजवादी। जनकवि रै रूप में पिछाण। 'इंकलाब री आंधी' अर 'लिछमी' कविता उलेखणजोग।
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