बरसो रे बादळ बौरंगी!
थे ई साथी, थे ई संगी!
माणसियै रा आ दळ-बादळ!
फूटरमल! बरसो रे गळगळ!
धरती रै तिरस्यै कणकण में, हर पल बरसो मैमत चळवळ!
बरसो नैण उणींदा मळमळ!
बरसो डगमगीजता सावळ!
बरसो म्हारै धणी उतावळ!
बरसो रे म्हारा अरधंगी!
थे ई साथी, थे ई संगी!
धरा-कचौळी भरै धपावै!
हियो झिबळकै, प्रीत जतावै!
आप कलाळी, मैं पीवणियो, आखो जग ठेको बण जावै!
खेतड़ला लुळ-लुळ लैलावै!
मुळकै, जीव-जमारो गावै!
रूंख-बिरछ हालै हुलरावै!
पुरवायी मुधरी लैरावै!
बरसो, भरो उडार विहंगी!
थे ई साथी, थे ई संगी!
खमणा खेम खमा बण बरसो!
समता साम सिस्टि नै परसो!
डूंगै हेत मानखै तांई, उमटो झिरमिर-झिरमिर बरसो!
जुगत-जोग बण बादळ बरसो!
थे अखूट नित-नुवला बरसो!
अठै-बठै अर सगळै बरसो!
बरसो, अणथक बादळ बरसो!
चाव-उछावां चढ़ो उमंगी!
थे ई साथी, थे ई संगी!
तिरस्यो कोई जीव न रैवै!
सूखी कोई सींव न रैवै!
विरहण कोई धण ना रैवै, तिरस्यो कोई पीवन रैवै!
तिरस्यो कोई प्यार न रैवै!
जुग जीतै, जग हार न रैवै!
हेत बिचाळै कार न रैवै!
पुन-पाणी रो पार न रैवै!
बरसो रे बादळ सतरंगी!
थे ई साथी, थे ई संगी!