प्रभु म्हांनै जलम देवै तौ

दीजै रे म्हारै गांव में

मायड़ री भूमि है म्हांकी

रहस्यां बीं ही धाम में।

ऊगंतै सूरज नै देखां

डूंगरिया की ओट में

ढांढा-ढोर राम्भता आवै

सांझ पड़्यां ही बाड़ में।

सावण-भादौ चिरम्यां खेला

भायेल्यां की साथ में

हींडौ घालांला बागां में

गोठ-गूगरी गांव में।

धरती झूमै मनड़ौ नाचै

हेत-प्रेम है गांव में

ममता बरसै रिमझिम करती

प्यार पळै इण गांव में।

मोटौ खावां मोटौ पैरां

फैसन दूरी गांव सूं

दूरा आडंबर सूं रहस्यां

सुख सूं रहस्या गांव में।

सीयाळै खाटू भलौ रे

ऊनाळौ अजमेर में

नागाणौ नित को भलौ रे

सावण बीकानेर में।

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी गीत ,
  • सिरजक : आशा रानी लखोटिया ,
  • प्रकाशक : आशा पब्लिशिंग हाउस
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