आज थारी आस आधी
रात आधी बात आधी
बाट थारी देखता या रात पुळ-पुळ जात रे
रात आधी रात रे —बात आधी बात रे।
तू नहीं तो आज फीको चादणी को रंग
तू नही तो आज फीको बांदणी को संग
तू नही तो बाट तकती आंख भर-भर जात रे
रात आधी रात रे —बात आधी बात रे।
अेक मैं तडपू हंसै या रात की राणी
अेक मैं कळपू करै तू आज मनजाणी
तू नही तो आज घर आवै किया परभात रे
रात आधी रात रे बात आधी बात रे।
कूकै कोयलडी उठै हुळसै बसती खेत
गांव गूंजे फाग चांदी सी हंसे या रेत
तू नही तो आज मार घात मीठी रात रे
रात आधी रात रे —बात आधी बात रे।