म्हारी लाल कसुमल राज चून्दड़ी

आतो म्हारा कालज्या री कोर

घणीं प्यारी लागै राज चून्दड़ी।

सुसराजी गढ़ का राज राजमी

बे ल्यामा मल मल रो थान।

घणीं...

जेठजी कुल रो रा दीवलो

बे तो चून्दड़ी रंगाई चटकादार।

घणीं...

सायबजी म्हारा राज जतन करया

म्हारी चून्दड़ जड़ाई चारु मेर।

घणीं...

अल्ला तो पल्ला राज घूघरा

म्हारी चून्दड़ी के बीचों बीच चांद।

घणीं...

नणदल म्हारी राज लाडली

बे तो गाया गाया चून्दड़ी रा गीत।

घणीं...

चून्दड़ ओढ़ी राज भोर में

मैं तो लागी लागी सासूजी पांव।

घणीं...

सासूजी म्हारा राज मुळकियां

बेतो देवै देवै अमर आसीस।

घणीं...

स्रोत
  • पोथी : राजस्थानी गीत ,
  • सिरजक : आशा रानी लखोटिया ,
  • प्रकाशक : आशा पब्लिशिंग हाउस
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