यहु तन जारी मसि करूँ, धुँआ जाहि सरग्गि।
मुझ प्रिय बद्दल होइ करि, बरसि बुझावइ अग्गि॥
भावार्थ:- यह तन जलाकर मैं कोयला कर दूँ और उसका धूंआ स्वर्ग तक पहुँच जाय।मेरा प्रियतम बादल बनकर बरसे और बरसकर आग को बुझा दे।