वीजां अकुर कूटिया, अळसाया सरसाय।
हरिया-भरिया फूलड़ा, फूल्या-फळिया जाय॥
भावार्थ:- बीजों के अंकुर फूट आये हैं, अलसाये सरसित हो उठे हैं और हरे-भरे फूल फूलने-फलने लगे हैं।