राज करावै खाग ही, लाज रखावै खाग।

सुरग बसावै खाग ही, खाग इसी बड भाग॥

कवि तलवार के गुणों का वर्णन करता हुआ कहता है कि तलवार ही राज्य कराती है, समय पड़ने पर तलवार ही लज्जा की रक्षा करती है और तलवार ही से स्वर्ग प्राप्त होता है। अहो! तलवार ऐसी बड़भागिनी है।

स्रोत
  • पोथी : महियारिया सतसई (वीर सतसई) ,
  • सिरजक : नाथूसिंह महियारिया ,
  • संपादक : मोहनसिंह ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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