सूरज किरणां चाव में फूटी कळी समूळ।
लूआं दीसी सामनै लागी हिवड़ै सूळ॥
भावार्थ:- सूर्य-किरणों से गले मिलने की उत्कंठा में कलियां कभी से मुकुलित हो उठी थी और साथ ही लूओं का आगमन अनूभव कर उनके हृदय में तीव्र वेदना होने लगी।