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साइट: परिचय
संस्थापक: परिचय
अंजस सोशल मीडिया
पहली था सौ अब नहीं
बखना जी
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पहली
था
सौ
अब
नहीं,
अब
सौ
पछै
न
थाइ।
हरि
भजि
विलंब
न
कीजिये,
'बखना'
बारौ
जाइ॥
स्रोत
पोथी
: बखना जी की बाणी
,
सिरजक
: बखना
,
संपादक
: मंगलदास स्वामी
,
प्रकाशक
: श्री लक्ष्मीराम ट्रस्ट, जयपुर
,
संस्करण
: प्रथम
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