कामी कंथ के कारणै, कै करीये सिणगार।

पत को पत रीझायलो, फूली को भरतार॥

स्रोत
  • पोथी : मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य-साधना। ,
  • सिरजक : फूलीबाई ,
  • संपादक : उषा कंवर राठौड़ ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।
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