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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
माटी सूं ही ऊपज्यो
फूलीबाई
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माटी
सूं
ही
ऊपज्यो,
फिर
माटी
में
मिल
जाय।
फूली
कहै
राजा
सुणो,
करल्यो
कोय
उपाय॥
स्रोत
पोथी
: मध्यकालीन कवयित्रियों की काव्य-साधना।
,
सिरजक
: फूलीबाई
,
संपादक
: उषा कंवर राठौड़
,
प्रकाशक
: महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश शोध-केन्द्र, दुर्ग, जोधपुर।
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