चुप मत साधै वादळी कहदे सागण वात।
मैं लखली तेरी कळा सैण सिखायी घात॥
भावार्थ:- बादली, चुप्पी मत साधो। सच्ची बात कहदो। मैंने तुम्हारी कला पहचान ली है। यह घात साजन की सिखाई हुई है।