बीकम बरसां बीतियों, गण चौ चंद गुणीस।

बिसहर तिथ गुरु जेठ बदि, समय पलट्टी सीस॥

विक्रम सवंत् का उन्नीस सौ चौदहवाँ वर्ष व्यतीत होने पर ज्येष्ठ कृष्णा पंचमी गुरुवार को सिर पर समय ने पलटा खाया अर्थात उस ज़माने में जो महान राजनैतिक परिवर्तन हो रहे थे वे इतने नजदीक मालूम पड़ते थे मानो यह समय का परिवर्तन (क्रांति ) सिर पर ही हो रहा हो।

स्रोत
  • पोथी : वीर सतसई (वीर सतसई) ,
  • सिरजक : सूर्यमल्ल मिश्रण ,
  • संपादक : डॉ. कन्हैयालाल , ईश्वरदान आशिया, पतराम गौड़ ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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