Anjas

डिंगल गीत

राजस्थान रै मांय डिंगल गीतां में वीर, भगती अर सिणगार रस री प्रधानता हुवै। डिंगल गीत रै हरेक दुहाला मांय क्रम सूं 16,15 मात्रावां अर अंत में गुरु-लघु री तुकांत हुवै। पेलै चरण मांय दो मात्रावां बढ़ै। इणां रा हरेक दुहाला रा विषम चरणां में तो 16 मात्रावां पण सम चरणां में लगोलग अेक-अेक मात्रा कम हुवती जावै। राजस्थानी डिंगल गीतां रा अलेखु भेद हुवै। डिंगल रा खास लक्षण ग्रंथ 'रघुनाथ रूपक गीतां रो' में 72 अर 'रघुवरजस प्रकास' में इणां रा 99 भेद बताईज्योड़ा है। ओ डिंगल में सगळा सूं प्यारो छंद है।

बुधजी आशिया

बुधजी आशिया

1784 -1863

डिंगल- पिंगल रा प्रकाण्ड पण्डित अर जगत कवि री उपाधि सूं विभूषित। 'दरजी मयाराम री बात' जैड़ी उच्च कोटि री रचना रा रचनाकार।

बना बारहठ

बना बारहठ

मध्यकालीन चारण कवि। विसर काव्य रा फुटकर डिंगल गीत रचिया।

बांकीदास आशिया

बांकीदास आशिया

1771 -1833

मध्यकाल रा सिरै डिंगल कवि अर राष्ट्रीय चेतना परक गीत लिखण वाळा पैला कवि। वीर, शृंगार, नीति, भक्ति आद सगळी धारावां में समान रूप सूं सृजन करियो।

बोहड़ बीठू

बोहड़ बीठू

बीकानेर रै साठीका गाँव में जलम। मध्यकाल रा डिंगल कवि।