उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर में स्थित एक शाही महल है। यह राजस्थान का एकमात्र निजी महल है। इस महल का निर्माण कार्य तत्कालीन जोधपुर महाराजा उम्मेद सिंह ने 1929 में शुरू करवाया था। यह कार्य लगभग 1943 में पूरा हुआ‌। ‌इस महल के वास्तुकार हेनरी वॉन लैंचेस्टर थे। मान्यता है कि इस महल के निर्माण के पीछे एक संत के शाप की कथा रही। संत ने यह शाप दिया कि आने वाले समय में मारवाड़ में बड़ा अकाल पड़ेगा और वैसा ही हुआ। मारवाड़ संकट में आ गया। तब तत्कालीन महाराजा उम्मेद सिंह ने उम्मेद भवन की रूपरेखा बनाई और मारवाड़ के कई किसान-मजदूरों को इसके निर्माण में लगाया। उन्हें आर्थिक और अन्य संकट से उबरने में यह कारगर रहा।

 

संगमरमर और बलुआ पत्थर से निर्मित इस महल को बनाने के लिए लकड़ी का भी उपयोग हुआ है। कहते हैं कि निर्माण में बर्मा (म्यांमार) से लकड़ी मंगाई गई थी। इस महल में लगभग 347 कमरे, एक भव्य दरबार हॉल, पुस्तकालय, निजी भोजन कक्ष आदि मौजूद है। उम्मेद भवन पैलेस के तीन महत्त्वपूर्ण भाग हैं—रॉयल निवास, उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम और उम्मेद भवन पैलेस होटल। रॉयल निवास शाही परिवार के लिए आवास रूप में है।

 

म्यूजियम में प्राचीन घड़ियों का एक विशेष संग्रह भी रखा गया है। यहाँ हथियारों, प्राचीन वस्तुओं आदि को रखा गया है। संग्रहालय में आप राज(पूर्व) परिवार के इतिहास के बारे में भी जान सकते हैं। यहाँ के एक हिस्से को 1971 में होटल में तब्दील कर दिया गया, जिसे उम्मेद भवन पैलेस होटल कहते हैं। इंडो-डेको शैली में बना यह महल राजस्थान के भव्य महलों में से एक है। कई एकड़ में फैला यहाँ का विशाल बगीचा भी यहाँ की भव्यता में शामिल है।

 

उम्मेद भवन पैलेस का संग्रहालय सुबह 9:00 बजे खुलता है और शाम 5:00 बजे बंद हो जाता है।

जुड़्योड़ा विसै