विश्नोई सम्प्रदाय पर दूहा

दूहा18

जल थल महियल ढूंढिया

परमानंद बणियाल

पंथ सोई जो हर पुर जहै

साहबराम राहड़

दान कुपातां दीजियै

साहबराम राहड़

भौ सागर मन माछला

परमानंद बणियाल

प्रेम बराबर नाहिं तुल

परमानंद बणियाल

नांव लियौ जिन सब कियो

साहबराम राहड़

विसनु नाम है सूर हम

ऊदोजी अड़ींग

वन में बसती होय रही

साहबराम राहड़

बारढ़ कूं चल बाहरो

साहबराम राहड़

गांवां मांही जे बड़ा

साहबराम राहड़

बाहर निकल काम कर

साहबराम राहड़

चिनगी एक जो उपजै

परमानंद बणियाल

दान दीया सैंसो कहै

साहबराम राहड़