धर्म पर उद्धरण

धारयति इति धर्म:—यानी

जिसने सब कुछ धारण कर रखा है, वह धर्म है। इन धारण की जाती चीज़ों में सत्य, धृति, क्षमा, अस्तेय, शुचिता, धी, इंद्रिय निग्रह जैसे सभी लक्षण सन्निहित हैं। धर्म का प्रचलित अर्थ ‘रिलीज़न’ या मज़हब भी है। प्रस्तुत चयन में धर्म के अवलंब पर अभिव्यक्त रचनाओं का संकलन किया गया है।

उद्धरण1

quote

”गिरस्तियां नै समझावण रौ जिम्मौ तौ संतां रौ है, बापड़ा गिरस्ती संतां नै कांईं समझावै!“

विजयदान देथा