ब्याह पर गीत

स्त्री-पुरुष युगल को

दांपत्य सूत्र में बाँधने की विधि को विवाह कहा जाता है। यह सामाजिक, धार्मिक और वैधानिक—तीनों ही शर्तों की पूर्ति की इच्छा रखता है। हिंदू धर्म में इसे सोलह संस्कारों में से एक माना गया है। इस चयन में विवाह को विषय या प्रसंग के रूप में इस्तेमाल करती कविताओं को शामिल किया गया है।

गीत5

लगन मंय भुआ

आभा मेहता 'उर्मिल'

बीत्या जावै साल

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

तोरण

किशन लाल वर्मा

उन्हाळो आयो रे

राम नारायण मीणा ‘हलधर’

पीहर की पगडण्डी

किशन लाल वर्मा