हिये तणो उपाय
एक समै जेसलमेर रै भाटिपै जोर रो दुकाळ पड़ियो, बठै समैं में ही जद धान कम हुवै, फेरूँ काळ मैं तो अन्न मिलणो ही’ज कठै? सगळी मेदनी भूखों मरण लागी, अर देस-वास छोड़-छोड़ मऊ-माळवै जावण ने ढूकगी। एक भाटी सिरदार चोखै घराणे रो हुतो, उवै पैलड़ै साल ही ब्याव-करियो