घर पर दूहा

महज़ चहारदीवारी को ही

घर नहीं कहते हैं। दरअस्ल, घर एक ‘इमोशन’ (भाव) है। यहाँ प्रस्तुत है—इस जज़्बे से जुड़ी हिंदी कविताओं का सबसे बड़ा चयन।

दूहा3

टप-टप चूवै आसरा (बादळी)

चंद्र सिंह बिरकाळी

छप्पर ओरां छांह में (लू)

चंद्र सिंह बिरकाळी