लोकतंतर पर गीत

लोकतंत्र जनता द्वारा,

जनता के लिए, जनता का शासन है। लोकतंत्र के गुण-दोष आधुनिक समय के प्रमुख विमर्श-विषय रहे हैं और इस संवाद में कविता ने भी योगदान किया है। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं का है।

गीत3

आजादी

मोहम्मद सदीक

चाल हे नणदी!

ताड़केश्वर शर्मा

दाग्याँ जा

प्रेम शास्त्री