लोकतंतर पर दूहा

लोकतंत्र जनता द्वारा,

जनता के लिए, जनता का शासन है। लोकतंत्र के गुण-दोष आधुनिक समय के प्रमुख विमर्श-विषय रहे हैं और इस संवाद में कविता ने भी योगदान किया है। प्रस्तुत चयन ऐसी ही कविताओं का है।

दूहा2

दादर-मोर

मनोहर शर्मा

नीति रा दूहा

शक्तिदान कविया