विष्णु करे अज संभु करे पच तत्त्व करे ब्रहमंड उपायौ।

पुन्न करे अरु पाप करे जुग च्यार करे अरु ख्याल रचायौ।

हौ सबके करता तुम ही, मम काज कोरौ सु कहावण नायौ।

ईसरदास की बेर दयानिध, नींद लगी कन आळस आयौ॥

स्रोत
  • पोथी : मूल पांडुलिपि में से चयनित ,
  • सिरजक : ईसरदास बोगसा ,
  • संपादक : मनोहर शर्मा ,
  • प्रकाशक : विश्वम्भरा पत्रिका, प्रकाशन स्थल-बीकानेर
जुड़्योड़ा विसै