सुपना सम संसार, हरि सुमरण इक सत्य है।
पत्नी सुत परिवार, चार दिनां रा, चकरिया॥
हे चकरिया, यह संसार स्वप्न के समान अस्थिर है। इसमें परमात्मा विष्णु का स्मरण ही एक मात्र सत्य है। यहाँ पत्नी, पुत्र एवं परिवार तो मात्र अल्प अवधि के ही साथी हैं (क्षणभंगुर संसार में इनका संबंध सत्य मत समझो)।