समय न चूकौ सैण, समय न आवै सहज में।
बिना बखत रा बैण, चितवै कोय न, चकरिया॥
भावार्थ:- हे चकरिया, समय के अनुपयुक्त कहे गए कथन पर कोई भी ध्यान नहीं देता है; इसलिए सज्जनो, समय मत चूको (गँवाओ), समय (बहुमूल्य है,) सरलता से नहीं आता है। कवि का मत है कि कार्य की सफलता के लिए अनुकूल समय कठिनता से आता है।