पढ़बो वेद पुरांण, सोरौ इण संसार में।
बातां तणौ बिनांण, रहस दुहेलौ राजिया॥
इस संसार में वेद-पुराण आदि शास्त्रों को पढना तो आसन है, किन्तु, हे राजिया! बात करने की विशिष्ट विधा का रहस्य सीखना-समझना बहुत कठिन है।