काजळ माच्यौ कीच, जळ काजळ भेळा जठै।
वसियौ हिवड़ा बीच, रसियौ वसुदे राव उत॥
भावार्थ:- जहाँ जल और कज्जल इकट्ठे हुए वहाँ कज्जल का कीचड़ मच गया। वसुदेव का पुत्र रसिक श्रीकृष्ण सबके हृदय में बस गया।