श्याम राखजो साख, लाख रहै या ना रहै।
साख गमायाँ, लाख, चाहै निर्लज, चकरिया॥
हे भगवान श्रीकृष्ण, आप मेरी प्रतिष्ठा सुरक्षित रखना, चाहे मेरे पास लाख रुपए रहें या न रहें (इसकी मुझे चिंता नहीं)। हे चक्रधर, प्रतिष्ठा खोकर तो निर्लज्ज व्यक्ति ही लाख रुपयों को चाहता है।