आगै भूप अनेक, खप्पाणा रिण खेत में।
टींटोड़ी री टेक, सखरी राखी सांवरा॥
भावार्थ:- भूतकाल में बहुत से राजा युद्ध क्षेत्र में खप गये। किन्तु हे सांवरे! टिट्टिभ की टेक की तूने अच्छी रक्षा की।