राजस्थानी सबदकोस

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वात रो राजस्थानी अर्थ

  • शब्दभेद : सं.पु.

शब्दार्थ

  • वायु के अधिष्ठाता, पवन देव, आठ दिग्पालों में से एक। सं.स्त्री.--
  • वायु, पवन, हवा। (अ.मा., ह.नां.मा.)
  • शरीरस्थ तीन तत्व-कफ, वात पित में से दूसरा, जिसके कुपित होने से अनेक रोग पैदा होते हैं