राजस्थानी सबदकोस

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दसा रो राजस्थानी अर्थ

  • शब्दभेद : सं.स्त्री.

शब्दार्थ

  • अवस्था, स्थिति, हालत
  • मनुष्य के जीवन की अवस्था। वि.वि.--ये दस मानी गई हैं--गर्भवास, जन्म, बाल्य, कौमार, पौगंड, यौवन, स्वाविर्य, जरा, प्राणरोध और नाश। मतान्तर से ये छ: भी मानी जाती है--शैशव, कौमार, कैशोर, यौवन, वार्धक्य और अंतिम। अंतिम को राजस्थानी में छठी भी कहते हैं
  • विरही की अवस्था जो साहित्य के अन्तर्गत मानी जाती है, ये दस प्रकार की होती हैं--