स्वामी आत्माराम मिरतु: 1759 Marwar 'निरंजनी संप्रदाय' रा चावा संत कवि। भगती, नीति, अध्यात्म अर गुरु महिमा सूं संबंधित रचनावां।
जगत मगत सब एकसे राम हमारे शाह जी राम कहै सो साध है सकल संत है राम के संत शब्द न्यारे नहीं उत्तम कहि कहि डूबिये