ग़ज़ल12 आज म्हारो गांवडो बीमार क्यूं दीसै आफतां बीच अड़ग जीवूं हूं गजल रै मांय लाय राखूंला जोर भूखां रो आजमावण नैं हाय! कितरो अठै अंधारो है
श्यामसुंदर भारती उषाकंवर राठौड़ स्वामी खुसाल नाथ शक्तिदान कविया रेवंत दान बारहठ लालदास 'राकेश' मोहन सिंह रतनू रेवतदान कल्पित