मोहन आलोक 1942-2021 bikaner आठवें दसक रा मै'ताऊ कवि-कहाणीकार अर उल्थाकार। 'डांखळा' विधा रा राजस्थानी मांय पै'ला सिरजक।
दिवस रैण दौ’रा हुवै गांधी गयो गमाय कविगण निज कलमां खरबां-खरबां खरच खोळा खद्दर धार पै’लां बेटी बेचता रिस्पत रै परभाय सिरां उठावै ऊध