डिंगल रा घण महताऊ रीति ग्रंथ 'रघुनाथ रूपक' रा सिरजक रै रूप में चावा।
अंध दोष
अपस दोष
बहरो दोष
छबकाळ दोष
हीण दोष
जात विरोध दोष
निनंग दोष
पखतूट दोष
पांगळो दोष