आज करूँ आरांण बाजिंद ताण विभांण चहूँ चक्क चल चलिय दग्धाक्षरफलम् घणां घाट लंयणां लीध ओट प्रहलाद नारद कहियो नाथ! पवननंद परचंड रात दिवस इण रीत रूळै उकत रो रूप सीस सरग सात में वारद विद्युत वरण