मंगत बादल
चावा कवि-लेखक। अलेखूं विधावां में लेखन। साहित्य अकादेमी रौ सिरै अर बाल साहित्य पुरस्कार।
चावा कवि-लेखक। अलेखूं विधावां में लेखन। साहित्य अकादेमी रौ सिरै अर बाल साहित्य पुरस्कार।
आं धोरां में आय’र रुळगी
आं मन रै कोरा धोरां में
आओ सा! बात करां
आओ! हेलो मारां!
बात स्यात सदां बण जावै
गीत : म्हे मरुधर रा वासी
जंगळ सूं निकळ
जियां बाळू सरकै मुठ्ठी स्यूं
कियां सहेजां सपना बां री
मचा देवै हलचल हर डील में
म्हां रै ऊपर पग धर चढग्या
म्हे तो हां झुणझुणियां भाया
मोटर निकळगी कनै सूं
रोज-रोज
सूरज आज गेरग्यौ घर में
सूरज नै कुण कतल कर दियो
थां नै कांई कैवा भायला