मंगत बादल जलम: 1949 bikaner चावा कवि-लेखक। अलेखूं विधावां में लेखन। साहित्य अकादेमी रौ सिरै अर बाल साहित्य पुरस्कार।
कविता17 आं मन रै कोरा धोरां में आओ! हेलो मारां! थां नै कांई कैवा भायला म्हे तो हां झुणझुणियां भाया सूरज नै कुण कतल कर दियो