चावा कवि-संपादक।
अड़वां नैं ओळभा
आग नफरत री बुझाओ
बध-बध मत ना बोल
भारत री छत्राणी
सरपंची सो'री कोनी
पाप-धरम रो भारो देख
राम राज में रोळी है