बूंदी रा शासक। पिंगल रा रीतिकालीन सिरै आचार्य कवि।
आजु मैं देखी है गोपसुता मुख
अंजन मंजन कैं दृग-रंजन
रैनि समैं सलिता मधि मैं
स्यांम-सरीर लसै पट पीत