उड़-उड़ रे काला कागा, हरिजी ने बोहो दिन लागा।
थाने किशन मिले तो कीज्यो रे, म्हारा हरियल वनाडा सुवटड़ा।
चूंच मंडावा थारी सोने री, मोतीयन चोंच चुगावां राज।
रतन रा जड़ावा पिंजरा, हिरदे मांहि रहीज्यो॥