लिख-लिख पतियाँ हारी सखी री।

अजहुँ नहीं आये पिया॥

दादर मोसौं नहीं भावै।

गरज घटा घनकारी॥

गहर-घर रंग सारंग वधवै।

सेज उमंग नर नारी॥

तखतराज और नारन के संग।

अब मोरी सुध ही बिसारी॥

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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