जावां नहीं देसां थांनै।

जावां देसां।

जावो नै सुघर रसीला।

अलबेला हो॥

रीस करी पिया भुंवर चढावो।

मैं इतनी अरज थांनै कैसां॥1

तखतराज के रसिक सिरोमण।

थांसू मन मांण्यौ सुख लेसां॥2

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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