हे री बाजत बधाई आज।

सेस महेस दिनेस सुरेसन।

मंगल गान सुहाय॥

घर घर सुभग उमंग ही सुरंगवा।

त्रिय पिय के मन भाय॥

भर सुर ताल मंदिलरा बजावत।

नारी नरन सुख छाय॥

तखतराज अवधेस कुँवर कुं।

निरख निरख सुख पाय॥

स्रोत
  • पोथी : तखतराज पदावली ,
  • सिरजक : महाराजा तख्तसिंह ,
  • संपादक : डी.बी क्षीरसागर ,
  • प्रकाशक : महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश, जोधपुर 1992
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